उसके मन की सिसकियों की आवाज उसके अपने ही अनसुनी कर रहे थे। उसके मन की सिसकियों की आवाज उसके अपने ही अनसुनी कर रहे थे।
अब तो उसके लिए रिश्ते भी आने लगे, ये बेटियां इतनी जल्दी बड़ी क्यों हो जाती हैं, अब तो उसके लिए रिश्ते भी आने लगे, ये बेटियां इतनी जल्दी बड़ी क्यों हो जाती हैं,
मन एक नई उमंग से खिल उठता है जब कोई आकर कह दे तुम बिल्कुल अपनी मां की परछाई हो। मन एक नई उमंग से खिल उठता है जब कोई आकर कह दे तुम बिल्कुल अपनी मां की परछाई हो।
यही कि आज माया का मैंने एक अलग ही रूप देखा। वो बच्चों को देखकर खुश होती है यही कि आज माया का मैंने एक अलग ही रूप देखा। वो बच्चों को देखकर खुश होती है