बारिश की बूंदों ने पूरी कायनात को एक नया धुला धुला सा स्वरूप दे दिया था। बारिश की बूंदों ने पूरी कायनात को एक नया धुला धुला सा स्वरूप दे दिया था।
कुछ देर को ही सही, मगर हर बार आता है... हाँ, मेरे हिस्से भी " थोड़ा सा इतवार "आता है। कुछ देर को ही सही, मगर हर बार आता है... हाँ, मेरे हिस्से भी " थोड़ा सा इतवार ...
खास दिन का और महज़ चंद रुपयों की चीज़ का मोहताज कोई क्यूँ रहे। खास दिन का और महज़ चंद रुपयों की चीज़ का मोहताज कोई क्यूँ रहे।
सपनों में लगती हैं सपनों सी बातें अपनी सी लगती हैं ये सपनों की बातें। सपनों में लगती हैं सपनों सी बातें अपनी सी लगती हैं ये सपनों की बातें।