अब उनकी फुलवारी में एक नहीं बहुत सारे पुष्प पल्लवित हो रहे थे। अब उनकी फुलवारी में एक नहीं बहुत सारे पुष्प पल्लवित हो रहे थे।
मैं हमेशा उसी रूप में स्मृति के जल से सिंचित करते हुए, सदा ही लहलहाते हुए देखता हूँ। मैं हमेशा उसी रूप में स्मृति के जल से सिंचित करते हुए, सदा ही लहलहाते हुए देखता ...
अब उम्र के इस पड़ाव में भी आकर आप मुझे अपना बनाने का सोच रहे हैं अब उम्र के इस पड़ाव में भी आकर आप मुझे अपना बनाने का सोच रहे हैं