मैं हमेशा उसी रूप में स्मृति के जल से सिंचित करते हुए, सदा ही लहलहाते हुए देखता हूँ। मैं हमेशा उसी रूप में स्मृति के जल से सिंचित करते हुए, सदा ही लहलहाते हुए देखता ...