पर यदि अपना जैसा कोई और दुःखी दिख जाए तो भारी तसल्ली मिलती है। पर यदि अपना जैसा कोई और दुःखी दिख जाए तो भारी तसल्ली मिलती है।
क्या कर लेंगे ज़्यादा से ज़्यादा? फ़ोन ही तो है। अरे, पर ... इतनी देर क्या बात. क्या कर लेंगे ज़्यादा से ज़्यादा? फ़ोन ही तो है। अरे, पर ... इतनी देर क्या बात.
वैसे भी चांद तो रात को ही चमकता है। और रात को कोई नहाने नहीं जाता समंदर में वैसे भी चांद तो रात को ही चमकता है। और रात को कोई नहाने नहीं जाता समंदर में