अविचल सी सुषमा, अब भी मौन थी, गोया कि माँ को पहचान ही न रही हो। अविचल सी सुषमा, अब भी मौन थी, गोया कि माँ को पहचान ही न रही हो।
सरू के हाथों की पकड़ मजबूत हो रही थी और आंखों में नया विश्वास झिलमिला रहा था। सरू के हाथों की पकड़ मजबूत हो रही थी और आंखों में नया विश्वास झिलमिला रहा था।
‘‘सुनो, तुम मीनू को जानते हो? वही जो तुम्हारे भैया के पास पढ़ती थी।’’ ‘‘न... नहीं तो।’’ ‘‘अरे काफी स... ‘‘सुनो, तुम मीनू को जानते हो? वही जो तुम्हारे भैया के पास पढ़ती थी।’’ ‘‘न... नही...
क्लास में जभी कोई सवाल आगर सार पूछ ले तो जबाव भर भर के देती । क्लास में जभी कोई सवाल आगर सार पूछ ले तो जबाव भर भर के देती ।