उन बातों का स्मरण कर आज भी आँखों में अंगार रूपी ज्वाला भड़क उठती है उन बातों का स्मरण कर आज भी आँखों में अंगार रूपी ज्वाला भड़क उठती है
पुरुषों को सहयोग केवल इसी के द्वारा समानता स्थापित की जा सकती है। पुरुषों को सहयोग केवल इसी के द्वारा समानता स्थापित की जा सकती है।