।सत्यम में आए हुए सकारात्मक परिवर्तन को देखकर वे अत्यंत प्रसन्न चित्त थे। ।सत्यम में आए हुए सकारात्मक परिवर्तन को देखकर वे अत्यंत प्रसन्न चित्त थे।
बचपन में मैं एक प्रतिभावान रटने में कुशल विद्यार्थी था । बचपन में मैं एक प्रतिभावान रटने में कुशल विद्यार्थी था ।
कई बार अकेले में रोती रहती लेकिन फिर खुद को संभाल कर अपने पिता जी और भाइयों को भी हिम्मत कई बार अकेले में रोती रहती लेकिन फिर खुद को संभाल कर अपने पिता जी और भाइयों को भ...
ताकि वह अपना जीवन यापन अच्छे से कर सके। ताकि वह अपना जीवन यापन अच्छे से कर सके।