उसके माँ-बाबूजी भी उदासी के जीवन के साथ रूखसत कर गए थे उसके माँ-बाबूजी भी उदासी के जीवन के साथ रूखसत कर गए थे
मैं व्यक्तिगत तौर पर ममतामयी माँ के अंक को स्वर्ग समझता हूँ मैं व्यक्तिगत तौर पर ममतामयी माँ के अंक को स्वर्ग समझता हूँ
भंवरे बड़े परेशान रहते हैं पतझड़ में । ना तो नैनसुख मिलता है , ना बतरस का आनंद । भंवरे बड़े परेशान रहते हैं पतझड़ में । ना तो नैनसुख मिलता है , ना बतरस का आनंद ।
मयूर समझ गया था की उसके पिताजी उसकी जड़ो को औऱ मजबूत करना चाहते है। मयूर समझ गया था की उसके पिताजी उसकी जड़ो को औऱ मजबूत करना चाहते है।