नूर बानो चाहती तो वह बहुत कुछ कर सकती थी पर नहीं किया। नूर बानो चाहती तो वह बहुत कुछ कर सकती थी पर नहीं किया।
आजकल ना जाने क्यों हर घर में दिखते हैं एकाकी, मुरझाए से पीपल के पेड़ ! आजकल ना जाने क्यों हर घर में दिखते हैं एकाकी, मुरझाए से पीपल के पेड़ !
चाय की चुस्कियाँ लेते हुए मुख्तयार सिंह व गुरमेल कौर की आँखें नम हो गईं। चाय की चुस्कियाँ लेते हुए मुख्तयार सिंह व गुरमेल कौर की आँखें नम हो गईं।
सुयश उसे गले लगाता है और कहता है, लो कर लो बात अपने ही तो अपनों के काम आते हैं, और तीनों हँसने लगते ... सुयश उसे गले लगाता है और कहता है, लो कर लो बात अपने ही तो अपनों के काम आते हैं, ...
अब सबकी जुबान पर सोने की सीढ़ी की बजाय माँ बेटे के प्यार के चर्चे थे। अब सबकी जुबान पर सोने की सीढ़ी की बजाय माँ बेटे के प्यार के चर्चे थे।
इस प्रकार जैसे जगमग हो गया सारा घर जैसे सौरमंडल और चमक गया हो ये गांव रूपी सारा ब्रम्हा इस प्रकार जैसे जगमग हो गया सारा घर जैसे सौरमंडल और चमक गया हो ये गांव रूपी सारा ...