जानता नहीं कि आसूं मेरे बाक़ी हैं कितनों का हौसला बढ़ाते चला जहाँ जो भी हो, या जितने जानता नहीं कि आसूं मेरे बाक़ी हैं कितनों का हौसला बढ़ाते चला जहाँ जो भी हो...
कैसे रखेगा ख़याल मजदूर अपना जब फिर से लॉक डाउन लगने वाला हैं कैसे रखेगा ख़याल मजदूर अपना जब फिर से लॉक डाउन लगने वाला हैं
" आजकल मृत्युलोक में ये सन्नाटा क्यों है?न गाड़ियों की गड़गड़ाहट, न रेलगाड़ी की आवाज। " आजकल मृत्युलोक में ये सन्नाटा क्यों है?न गाड़ियों की गड़गड़ाहट, न रेलगाड़ी की...
चूंकि वह काफी होशियार भी था सो थोड़ी बहुत कमाई भी कर लेता। चूंकि वह काफी होशियार भी था सो थोड़ी बहुत कमाई भी कर लेता।