मृत्यु के भय को त्याग जीत, वफाई को स्वीकार कर लेता है, किन्तु वफाई को लगता है कि उसकी कही बातों से प... मृत्यु के भय को त्याग जीत, वफाई को स्वीकार कर लेता है, किन्तु वफाई को लगता है कि...
वफ़ाई और जीत आंखे ही प्रीत की डोर में बंधे हुए नैनों की भाषा में मूक प्रेम में डूब हुए आगे बढ़ते जा रह... वफ़ाई और जीत आंखे ही प्रीत की डोर में बंधे हुए नैनों की भाषा में मूक प्रेम में डू...
जीत वफ़ाई के चित्र को रस पूर्वक देख रहा था। किसी विचार में था। उसके मन में कुछ... जीत वफ़ाई के चित्र को रस पूर्वक देख रहा था। किसी विचार में था। उसके मन में कुछ...
आपकी लेखनी, आपकी अंकनी, आपकी तूलिका को नमन है, पर तूलिका कहाँ है जी! आपकी लेखनी, आपकी अंकनी, आपकी तूलिका को नमन है, पर तूलिका कहाँ है जी!