ना तो उसे कल की चिंता थी ना उसे अनावृत होने की। और ना ही चिंता थी उसे कि इस अवस्था में कोई देख लेगा ... ना तो उसे कल की चिंता थी ना उसे अनावृत होने की। और ना ही चिंता थी उसे कि इस अवस्...
जीत के अंदर पुन: कोई हिम जम गया। वफ़ाई ने उसे भाँप लिया किन्तु स्मित से टाल दिया। जीत के अंदर पुन: कोई हिम जम गया। वफ़ाई ने उसे भाँप लिया किन्तु स्मित से टाल दिया...
जीत की आँखों के सामने पूरा घटनाक्रम आ गया जो आज संध्या को हुआ था। वह उसमें धूमिल हो गया। वह आनंदित ह... जीत की आँखों के सामने पूरा घटनाक्रम आ गया जो आज संध्या को हुआ था। वह उसमें धूमिल...
जीत वफ़ाई के चित्र को रस पूर्वक देख रहा था। किसी विचार में था। उसके मन में कुछ... जीत वफ़ाई के चित्र को रस पूर्वक देख रहा था। किसी विचार में था। उसके मन में कुछ...