अफसोस रास्ता सामने है, मैं चल नहीं सकता शायद मेरी रुखसती का समय आगया है। अफसोस रास्ता सामने है, मैं चल नहीं सकता शायद मेरी रुखसती का समय आगया है।
लेखक : ह्यू लॉफ्टिंग स्वैर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : ह्यू लॉफ्टिंग स्वैर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
मोबाइल पकड़ा कर खुद ही कहते हैं उफ्फ्फ आजकल के बच्चे भी ना। मोबाइल पकड़ा कर खुद ही कहते हैं उफ्फ्फ आजकल के बच्चे भी ना।
मन की कल्पनाओं को इस सादे कागज पर उकेर दिया और ये खूबसूरत चित्र बन गया। मन की कल्पनाओं को इस सादे कागज पर उकेर दिया और ये खूबसूरत चित्र बन गया।
हत्यारा लखन बेहोश बच्ची को गोद मे उठा कर धीरे धीरे पुलिस स्टेशन की तरफ बढ़ने लगा। हत्यारा लखन बेहोश बच्ची को गोद मे उठा कर धीरे धीरे पुलिस स्टेशन की तरफ बढ़ने लगा।
लेखक : इवान बूनिन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : इवान बूनिन अनुवाद : आ. चारुमति रामदास