पापा घर समय तू जब सारे गरीब अमीर हो गए "एहसासों की सरगम से जब निकलते कभी कोई रिश्ते ना होकर सब कुछ होते हैं पर रहते हमेशा "गूँगे रिश्ते। हिंदी कविता hindi kahani love language प्यार को छिपाना नहीं चाहिये प्यार करना ग़लत नहीं पर उसे इज़हार न करना ग़लत है जब बड़े भी राजी हैं तो फिर क्या कहने माँ रिश्ता मिठास परेशानी में ही एक दूसरे को समझना चाहिए माँ जब बात को समझ सकती है तो पति क्यों नहीं सास बहू का साथ दे तो जीवन सुखमय हो जाएगा

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