हैलो !-- और मैंने बुझे मन से फोन रख दिया। हैलो !-- और मैंने बुझे मन से फोन रख दिया।
ये तो हमारी दोस्ती का फर्ज़ था, और मित्रता में भला कैसा धन्यवाद। ये तो हमारी दोस्ती का फर्ज़ था, और मित्रता में भला कैसा धन्यवाद।
शिशिर, कल मुझे लड़के वाले देखने आ रहे हैं ....’ शिशिर, कल मुझे लड़के वाले देखने आ रहे हैं ....’
गूंज... गूंज... मैं तुम्हें कहीं जाने नहीं दूंगा"....उसने फोन लगाया बार बार लगाया लेकिन गूंज... गूंज... मैं तुम्हें कहीं जाने नहीं दूंगा"....उसने फोन लगाया बार बार लगाय...