मोहन ने बाहें फैलाईं, तो मोती दौड़कर उसके पास आ गया, उसके सीने से लिपट गया और उसे बेतहाश मोहन ने बाहें फैलाईं, तो मोती दौड़कर उसके पास आ गया, उसके सीने से लिपट गया और उसे...
जैसे निस्वार्थ गुरु और आप जैसी परिश्रमी शिष्याओं के कारण ही समाज रोशन है।" जैसे निस्वार्थ गुरु और आप जैसी परिश्रमी शिष्याओं के कारण ही समाज रोशन है।"
माथुर साहिब से मिलकर मैं अपना आभार प्रदर्शित करना चाहता था, लेकिन कहीं कोई राह नहीं सूझ रही थी। माथुर साहिब से मिलकर मैं अपना आभार प्रदर्शित करना चाहता था, लेकिन कहीं कोई राह न...
लेखक : धीराविट पी. नात्थागार्न , अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : धीराविट पी. नात्थागार्न , अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
तुम्हारे इस वक्तव्य से हमारी प्रतिष्ठा धूल -धूसरित हो गई ,हमारा इतना अपमान हुआ. तुम्हारे इस वक्तव्य से हमारी प्रतिष्ठा धूल -धूसरित हो गई ,हमारा इतना अपमान हुआ.