उसे लगा आज सिर्फ़ बरगद का वह पेड़ ही नहीं बल्कि जिंदगी में और भी बहुत कुछ पीछे छूट गया... उसे लगा आज सिर्फ़ बरगद का वह पेड़ ही नहीं बल्कि जिंदगी में और भी बहुत कुछ पीछे छूट...
आऊंगी मैं धरती पर तुम्हारे घर लेने जन्म! पावन करने पृथ्वी वासियों का मन! आऊंगी मैं धरती पर तुम्हारे घर लेने जन्म! पावन करने पृथ्वी वासियों का मन!