शायद कभी वो प्यार- पिपासा कहीं तुम्हारे दिल को छुए गुलाबी- सपनों- सा यह छाता खड़े हैं अब भी लिए हुए !... शायद कभी वो प्यार- पिपासा कहीं तुम्हारे दिल को छुए गुलाबी- सपनों- सा यह छाता खड़े...
पर मै जल रहा हूं....याद में और हमेशा जलता रहूंगा इस विरह की आग में.... पर मै जल रहा हूं....याद में और हमेशा जलता रहूंगा इस विरह की आग में....
उसे शांत करने के लिए आत्मसम्मान खोना पड़ा, ये उसे बहुत अखर गया। उसे शांत करने के लिए आत्मसम्मान खोना पड़ा, ये उसे बहुत अखर गया।