STORYMIRROR

उपहार

उपहार

2 mins
28.1K


घर और स्कूल में हर वक्त डाँट खाने और पिटने वाले महाउदंड शुभम को गम्भीरता से होमवर्क करते देख बड़ी बहन ने जब उससे से इसका राज़ पूछा तो उसने  ने बताया कि हमारी नई मैडम जब कक्षा में आती हैं तो कितने प्यार से समझाती हैं, खूब खूब पढ़ाती हैं, हर समय मुस्कुराती रहती हैं, कितने अच्छे से साड़ी पहनती हैं! जब देखो पढ़ती रहती हैं। या बस पढ़ाती हैं। पता नहीं अब कौन सा इम्तिहान पास करना है इन्हें। बच्चों से घिरे हीरो शुभम ने अपनी कॉपी हवा में लहराई और ऊँची आवाज में सबको बताया "देखो! मैडम ने आज मुझे दो वैरी गुड दिए! अब मैं रोज़-रोज़ एेसे सुन्दर-सुन्दर काम करूँगा और बहुत सारे गुड इकट्ठे करूँगा" बच्चों के मनोविज्ञान को संगीता ने उस दिन बहुत अच्छे से समझ लिया था जब वह अपने पाँचवी क्लास के बेटे को होमवर्क करा रही थी। दूर शून्य में देखते हुए ताशू ने जब उसे कहा था,"मम्मी! पहले मुझे मैथ बहुत गन्दा लगता था और रीना मैडम भी, पढ़ाती तो कुछ थीं नहीं, बस हमेशा डाँटती रहती थीं! और अब पूजा मैडम! वाउव्! कितना अच्छा पढ़ाती हैं'' माँ की आँखों में आंँखें डालकर कहा ताशू ने "मम्मी, मुझे पूजा मैडम बहुत सुन्दर लगती हैं'' शुभम बड़ी बेसब्री से हिन्दी के पीरियड् का इन्तज़ार कर रहा था। खुशी के मारे उसके पैर ज़मीन पर नही पड़ रहे थे वह तुरन्त कक्षा में घुसते ही उड़ता सा मैडम के पास पहुँच गया और बोला

"मैडम! मैं आपके लिए दीदी से माँगकर लाया!"  

"क्या?"

कुछ झिझकते हुए दो किताबें  'आषाढ़ का एक दिन' और  'रंगभूमि' आगे बढ़ाते समय शुभम बोला "मैडम, आपको पढ़ने का बहुत शौक है ना!" 


Rate this content
Log in