सुहाना
सुहाना
बहुत समय पहले एक लड़की थी वह गांव की रहने वाली थी। बहुत ही सुन्दर और सुशील थी वह सबका मन अपनी बातो से मोह लेती थी। लेकिन उस लड़की मे एक आदत थी वह खाली समय पेड़ो के साथ बिताती थी। वह उन सब पेड़ो से सब बाते बताया करतीं थी। उससे इसके मन को बड़ी शांति मिलती थी। वह कोई भी बात होती तो तुरंत जाकर पेड़ो से कहती मानो लगता था उसके और पेड़ो के बीच पुराना रिश्ता हो।
जैसे तैसे कुछ दिन बीतते चले गए अब वह पेड़ो और भी ज्यादा लगाव रखने लगी थी। कुछ दिन बाद उसकी तबियत खराब हो गई वह पेड़ो के पास जाना बंद कर दी थी। तभी पेड़ो के रूप में एक लडक़ी आयीं उसके पास वह पूछी "तुम अब कैसी हो" , वह लडक़ी पहचान नहीं पा रही थी कि कौन है ये उस लड़की ने उससे पूछा "तुम कौन हो मै तुम्हें नहीं जानती।" तभी पेड़ो वाली लड़की बोली "मेरा नाम सुहाना है, और तुम मुझे जानती भी, तुम तो मेरी बहुत अच्छी सहेली हो।" सुहाना इतना कहकर वह वहा से चली गई। कुछ दिन बाद उस लड़की ने सोचा वह सुहाना नाम की लड़की कौन थी उसने बहुत पता लगाया लेकिन उसको पता नहीं चला। फिर वह तुरंत पेड़ को बताने चली गई, उसने सारी बात पेड़ो को बताई। तभी उस एक पेड़ मे से सुहाना कि आवाज आई उसने सब उसको बताया लेकिन उसको अपनी आंखो में विश्वास ही नहीं हो रहा था। धीरे धीरे समय बीतता गया और वह बहुत बड़ी हो गई और उसकी शादी भी हो गई वह यह सब बाते कभी किसी को नहीं बताई और ख़ुशी खुशी अपन पति के साथ रहने लगी।
