हाँ, मेरा मोप्स्या किसी भी इन्सान के मुक़ाबले में ज़्यादा होशियार और बढ़िया है! हाँ, मेरा मोप्स्या किसी भी इन्सान के मुक़ाबले में ज़्यादा होशियार और बढ़िया है!
पहली बात तो ये थी कि मैं डर गया था कि मम्मा सचमुच में मुझे खाना नहीं देगी ! पहली बात तो ये थी कि मैं डर गया था कि मम्मा सचमुच में मुझे खाना नहीं देगी !
लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास लेखक: विक्टर द्रागून्स्की अनुवाद: आ. चारुमति रामदास