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Ranjeet Singh

Others Children

2  

Ranjeet Singh

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"राजा की कहानी

"राजा की कहानी

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वह प्रजा से प्यार करता था और उसकी हर बात मानता था।  

उनकी माँ ने मरने से पहले उनको एक हार दिया था। साथ में बोला था बेटा – इसको बहुत ही संभाल के रखना।

फिर एक समय राजा को उसकी माँ की याद आ रही थी। इसलिए वह माँ के उस हार को देखने महल में गया।

यह क्या – हार कहाँ है ? वह हार वहाँ से चोरी हो गया था।  

तुरंत ही राजा ने सिपाहियों को हार का पता लगाने को भेजा। सिपाही ने पूरे राज्य में देख लिया और उनको वहाँ न कोई हार मोला और ना चोर। 

राजा ने राज्य में ऐलान करवाया – जो भी चोर को पकड़ेगा उसको हमारे राज्य का कुछ हिस्सा इनाम में मिलेगा। प्रजा ने हार को खोजने में पूरा प्रयास किया। लेकिन कोई हार को ला न सका तो राजा दुखी होते हुए सोचने लगा की अब क्या करा जाए।  

अगले दिन एक आदमी मैले कपड़े पहने हुए महल आया, बोला वो उस हार के बारे में जानता है।  

यह सुन सब खुश हुए और राजा के पास ले गए।

उस आदमी ने वो हार राजा को दे दिया। हार को देख कर राजा बहुत ही खुश हुआ और बोला – अगर तुम चोर का नाम बताओ दो तो आपको राज्य का हिस्सा मिलेगा इनाम में।  


भाग 2

आदमी बोला – “महाराज हार को मैंने ही चुराया था। ” 

क्रोधित राजा ने इसका कारण पुछा। आदमी बोला की – हे राजन मेरे पास खाने के भी नहीं था, मैं क्या करता – इसलिए मैंने चोरी की।  

राजा बोला – तुम्हें सजा तो मिलेगी।  

आदमी बोला – ” महाराज मुझे जो सज़ा देंगे मुझे मंजूर है”

कुछ सोचते हुए राजा बोला – “जाओ और एक मरे हुए आदमी का सबसे कीमती चीज लाओ। ”

आदमी बहुत ही चतुर था। वह जाता है और एक मरे आदमी की जीभ काट लाता है।  

अगली सजा – राजा बोला – ” जाओ और एक आदमी के शरीर का सबसे गन्दा वास्तु लाओ। ” 

आदमी फिर जाता है और फिर से जीभ काट कर लाता है।  

चकित राजा पूछता है – ” यह क्या ? तुमने हर बार एक ही चीज (जीभ ) क्यों लेकर आये हो? 

आदमी बोलता है – “राजन हम सब लोग जीभ की मदद से ही बोलते है। हमारी जीभ ही अच्छी एवं बुरी बातें हमसे बुलवाती है।  हमारी वाणी से ही सारा फसाद होता है या सब अच्छा होता है।  

वाह – राजा ने ख़ुशी ख़ुशी आदमी को अपने राज्य का एक हिस्सा दे दिया।


शिक्षा – हमारी वाणी ही हमारे सुख


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