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shilpa kumawat

Others

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नया आत्मविश्वास

नया आत्मविश्वास

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मेरे सामने की पेशेंट चेयर पर मध्य वय की एक संभ्रांत औरत बैठी थी। करीने से किए मेकअप की परतों के पीछे से भी उसकी उदासी झांक रही थी।

'मैम, मुझे यह टैटू हटवाना है, कैसे भी करके ! मैंने ध्यान से देखा, दाहिने हाथ पर एक नाम टंकित था। नहीं ,मुझे जजमेंटल नहीं होना चाहिए ..... फिर भी...उम्र के इस पड़ाव पर इस तरह का आग्रह! थोड़ा अजीब लगा ।कम उम्र की लड़कियां शादी के पहले इस तरह के टैटू रिमूवल ट्रीटमेंट के लिए आते हैं या फिर 18 -20 के नवयुवक जिन्हें आर्मी के मेडिकल टेस्ट में अपीयर होना होता है।

क्यों चाहती हैं? देखिए यह कोई आसान प्रक्रिया नहीं है सिटिंग्स लेने होंगे, काफी महंगा इलाज है । थोड़ा हिचकते हुए उसने कहा मैम मुझे गलत मत समझिए । दरअसल ये मेरे पति का नाम है। वो तो किसी और के पास चले गए हैं ।अब मैं भी उन्हें अपने जीवन से निकाल देना चाहती हूँ ।मुझसे नजरें मिलाएं बिना वह टैटू को एक उंगली से रगड़ रही थी जैसे इरेजर से मिटा रही हो।

 मैंने उससे पूछा, क्या आप आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हैं ? उसने 'न' में सिर हिलाया । मैंने कहा ,जीवन से निकालना है तो पहले दिल से निकालो । अपनी जरूरतों के दायरे से निकालो। हाथ पर खुदा नाम तो बहुत छोटी चीज है । मुझे नहीं लगता तुम्हें इतने पैसे इस पर खर्च करने चाहिए।

वह थोड़ी देर चुपचाप सोचती रही, फिर जैसे धुंधलका छंटता  है वैसे ही वह आंसुओं को पीछे धकेल कर मुस्कुराई और सीधी नजरों से मुझे देखते हुए बोली, 'आप सच कह रही है। थैंक यू मैम !

कुछ तो खास था उसके 'थैंक्यू' में उसकी मुस्कान में या फिर उसकी आंखों में अचानक उग आए आत्मविश्वास में !



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