पुष्पेन्द्र कुमार पटेल

Children Stories Children

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पुष्पेन्द्र कुमार पटेल

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नई शुरुआत

नई शुरुआत

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नए साल की उमंग राहुल के चेहरे पर साफ झलक रही थी। पर ये क्या रामू काका तो काम पर अभी तक नहीं आए, उन्हें ही तो पार्टी की पूरी तैयारी करनी है।

मम्मी पापा ने तो यह जिम्मेदारी उन्हें ही दी है।

यह सोचकर 12 साल का राहुल हड़बड़ाने लगा।

वैसे भी उसके गुस्से से तो भूकंप सा आ जाता है तभी बाहर से आवाज आई और उसका ध्यान भंग हुआ।

" राहुल, राहुल हैप्पी न्यू ईयर "

राहुल ने खिड़की से झाँकते हुए बाहर देखा।

मनीष, नवीन, विक्की और राजू उसके सभी दोस्त दरवाजे पर खड़े थे।

राहुल ने चौंकते हुए उन्हें अंदर बुलाया।

वे सभी हैरान थे क्योंकि पार्टी की तैयारी अभी तक शुरू ही नहीं हुई थी।

विक्की ने नखरे दिखाते हुए कहा-" क्या राहुल! तेरे मम्मी पापा घर पर नही थे ये बात बताई क्यों नही?

ठीक 9:00 बज गए हैं बेरंग वाली पार्टी करनी है क्या "

इतने में मनीष भी अकड़कर बोला- " पहले ही बता देता तो राजू के घर पार्टी कर लेते "

 राहुल ने उदास होते हुए उन सभी को सारा हाल बताया। रामू काका का फोन भी तो नहीं लग रहा था पता नही आज ही क्या हो गया उनको?

लगभग 11:00 बजने को आए सभी बातों - बातों में राहुल को ताना मार रहे थे और होटल में पार्टी मनाने की बात कर करने लगे।

लगभग आधे घंटे बाद रामू काका की आवाज उनके कानों में पड़ी।

" राहुल बाबा! क्षमा चाहता हूँ बहुत देर हो गई आने में लेकिन आज.."

इससे आगे राहुल ने उन्हें कुछ बोलने ही ना दिया और उन पर बरस पड़ा।

" आप इतने ना समझ हो, मेरा पूरा प्लान चौपट कर दिया।

मेरे फ्रेंड क्या सोचेंगे मेरे बारे में?

सुबह 7:00 बजे आना था ना, अपने बाप का घर समझा है क्या? जब चाहे तब चले आओ ।

आज से काम पर मत आना जाओ अपने घर "

सभी दोस्त राहुल को चुप कराने में लग गए पर वह तो उन पर ही भड़क गया और वे सभी चुपचाप वहाँ से निकल गए।

रामू काका शायद कुछ कहना चाहते थे पर उनके होंठ सिले ही रह गए। ऐसा व्यवहार कभी उनके मालिक ने नहीं किया था और ये सारे शब्द उनके आत्मा को भेद गए।

वहाँ से जाने के अलावा उनके पास और कोई चारा नहीं था।

नए साल की शाम कुछ ज्यादा ही रंगीन थी पर राहुल अपने कमरे में ही पड़ा रहा। गुस्से के मारे उसकी आँखें लाल थी और पूरा कमरा उसने अस्त व्यस्त कर रखा था।

पापा ने फोन पर बताया कि वे रामू काका के घर से ही होकर आ रहे हैं ये सुनकर उसकी बेचैनी बढ़ने लगी।

रामू काका की सारी बातें सुनकर तो पापा उस पर बरस पड़ेंगे और आज तो उसकी खैर ही नही। यह सोंचकर ही वह काँप उठा, उसका गुस्सा अब डर में बदलता गया और वह कमरे में सोने का नाटक करने लगा।

कुछ देर बाद मम्मी की आवाज उसके कानों में पड़ी

" सॉरी राहुल बेटा, हमें आने में देर हो गई "

मम्मी पापा उसके सामने खड़े थे पर उसने चादर से अपना मुँह छिपाना चाहा तभी उसके पापा करीब आए और चादर हटाते हुए बोले- " हैप्पी न्यू इयर माय सन,

उठो बेटा अभी कैसे सोये हो ? पता है

रामू काका ने तुम्हें बहुत सारा थैंक यू बोला है।

उनकी बेटी सुबह से बीमार है और उनको छुट्टी चाहिए थी। तुमने अपनी पार्टी के बारे में न सोंचकर उन्हें छुट्टी दे दी।

शाबाश! मेरे बेटे "

" हमें तुम पर गर्व है बेटा "

मम्मी ने उसे गले से लगाते हुए कहा।

उनके मुँह से ऐसी बातें सुनकर राहुल को आश्चर्य हुआ और वह बहुत पछताने लगा।

वह बिना कुछ कहे ही घर से बाहर चला गया उसने सोचा कि वह अभी जाकर रामू काका से माफी माँगेगा और ऐसा व्यवहार कभी किसी के साथ नहीं करेगा।

अभी तक वह जैसा भी था पर अब तो वह नए साल से एक नई शुरुआत करना चाहता था।


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