माँ की ममता: एक प्यारी कहानी
माँ की ममता: एक प्यारी कहानी
माँ की ममता: एक प्यारी कहानी
विमल बहुत परेशान था। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वो इस परिस्थिति से कैसे निबटे। वो अपनी मां को बहुत चाहता था, किंतु उसकी पत्नी और बच्चे उसकी मां से बहुत दूर भागते थे। उसकी मां की एक आंख नहीं थी, साथ ही उसकी कमर भी 90 अंश पर झुकी थी। वैसे वह अपना काम सब खुद कर लेती है, किंतु फिर भी वो उसकी पत्नी और बच्चों के लिए हमेशा खटकती रहती थी।
एक दिन, विमल अपनी मां के साथ बैठा था। उसकी मां ने उसे अपने गोद में बिठाया और प्यार से उसके बालों को सहलाया। विमल ने उसकी आंखों में देखा, उनमें वो प्यार और ममता थी जो किसी भी मां के आंखों में होती है। उसकी आंखों में वो अपने बच्चों के लिए जीवन भर की चिंता और प्यार था।
विमल ने अपनी मां के हाथों को थामा और उसके चेहरे पर एक प्यारी मुस्कान देखी। उसकी मां ने उसे अपनी गोद में खींच लिया और उसके बालों को फिर से सहलाया। विमल ने उसकी मां के चेहरे को छूकर उसके दिल में एक अजीब सी खुशी महसूस की।
विमल ने अपनी मां से पूछा, “मां, आप मेरे लिए कितनी बड़ी होती हैं?”
मां ने प्यार से उसके बालों को सहलाया और कहा, “बेटा, मां की ममता को कोई नहीं माप सकता। हमारे दिल में जो प्यार होता है, वो कोई भी नहीं जान सकता।”
माँ की ममता: एक प्यारी कहानी (भाग 2)
विमल और उसकी मां के बीच की यह अनूठी बंधन बहुत गहरा था। विमल के दिल में उसकी मां के प्रति एक अद्भुत सम्मान और प्यार था। वो जानता था कि उसकी मां ने उसके लिए कितनी मेहनत की है, और उसके बिना उसका जीवन अधूरा हो जाता।
विमल के बचपन की यादें उसके दिल में बसी थीं। जब वो छोटा था, तो उसकी मां ने उसे बचपन की कहानियों से नहीं बचाया। वो उसे रात को सुलाने के लिए बड़ी-बड़ी कहानियाँ सुनाती थीं। विमल के दिल में उसकी मां की आवाज़ और उन कहानियों की यादें अब भी बसी हुई थीं।
विमल के बचपन की एक याद उसके दिल में अब भी ताजगी से बसी हुई थी। वो अपनी मां के साथ बारिश में खेलता था। उनके बाल बिलकुल गीले हो जाते थे, और वो दोनों हंसते-हंसते घर लौटते थे। विमल के दिल में उस बारिश की खुशी और मां के साथ बिताए वक्त की ममता अब भी बरकरार थी।
विमल ने अपनी मां के हाथों को थामा और कहा, “मां, आप मेरे लिए सब कुछ हैं। आपके बिना मेरा जीवन अधूरा है।”
मां ने उसके बालों को फिर से सहलाया और कहा, “बेटा, मां की ममता को कोई नहीं माप सकता। हमारे दिल में जो प्यार होता है, वो कोई भी नहीं जान सकता।”
विमल ने अपनी मां के गोद में सिर रखा और उनके आँचल में बस गया।
