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Mohan Sahu

Children Stories Inspirational

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Mohan Sahu

Children Stories Inspirational

मां और बेटा

मां और बेटा

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एक बेटा पढ़-लिख कर बहुत बड़ा आदमी बन गया .पिता के स्वर्गवास के बाद माँ नेहर तरह का काम करके उसे इस काबिल बना दिया था.शादी के बाद पत्नी को माँ से शिकायत रहने लगी केवो उन के स्टेटस मे फिट नहीं है.लोगों को बताने मे उन्हें संकोच होता है किये अनपढ़ उनकी सास-माँ है…!

बात बढ़ने पर बेटे ने… एक दिन माँ से कहा..


” माँ ”_ मै चाहता हूँ कि मै अब इस काबिल हो गया हूँ कि कोई भी क़र्ज़ अदा कर सकता हूँ मै और तुम दोनों सुखी रहें इसलिए आज तुम मुझ पर किये गए अब तक के सारे खर्च सूद और व्याज के साथ मिला कर बता दो .मै वो अदा कर दूंगा…!फिर हम अलग-अलग सुखी रहेंगे."


माँ ने सोच कर उत्तर दिया…“बेटा”_ हिसाब ज़रा लम्बा है…. सोच कर बताना पडेगा मुझे.थोडा वक्त चाहिए."


बेटे ने कहा "माँ कोई ज़ल्दी नहीं है. दो-चार दिनों मे बता देना."


रात हुई, सब सो गए,माँ ने एक लोटे मे पानी लिया और बेटे के कमरे मे आई.बेटा जहाँ सो रहा था उसके एक ओर पानी डाल दिया.बेटे ने करवट ले ली.

माँ ने दूसरी ओर भी पानी डाल दिया.बेटे ने जिस ओर भी करवट ली माँ उसी ओर पानी डालती रही.तब परेशान होकर बेटा उठ कर खीज कर.बोला कि माँ "ये क्या है ?मेरे पूरे बिस्तर को पानी-पानी क्यूँ कर डाला..?"


माँ बोली…."बेटा…. तुने मुझसे पूरी ज़िन्दगी का हिसाब बनाने को कहा था.मै अभी ये हिसाब लगा रही थी कि मैंने कितनी रातें तेरे बचपन मे तेरे बिस्तर गीला कर देने से जागते हुए काटीं हैं.ये तो पहली रात है ओर तू अभी से घबरा गया ..?मैंने अभी हिसाब तो शुरू भी नहीं किया है जिसे तू अदा कर पाए…!"


माँ की इस बात ने बेटे के ह्रदय को झकझोर के रख दिया.फिर वो रात उसने सोचने मे ही गुज़ार दी. उसे ये अहसास हो गया था कि माँ का क़र्ज़ आजीवन नहीं उतरा जा सकता.माँ अगर शीतल छाया है. पिता बरगद है जिसके नीचे बेटा उन्मुक्त भाव से जीवन बिताता है.माता अगर अपनी संतान के लिए हर दुःख उठाने को तैयार रहती है. तो पिता सारे जीवन उन्हें पीता ही रहता है.हम तो बस उनके किये गए कार्यों को आगे बढ़ाकर अपने हित मे काम कर रहे हैं.

आखिर हमें भी अपने बच्चों से वही चाहिए ना ……..!



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