माँ के नाम खत
माँ के नाम खत
प्यारी माँ!
आज बरबस तेरी याद आ गई। ऐसा लगता ही नही की तू हम सबसे दूर चली गई है। माँ तू सचमुच मुझे धोखा देकर चली गई। तूने मुझे वादा किया था, एक दिन तेरे घर आऊंगी और कुछ दिनों रह कर जाऊंगी। कितने सपने देख रही थी मैं। परंतु शादी के 13 साल हो गए तू आज तक ना देख पाई मेरा घर।
पर पता है मुझे घर परिवार में रह कर भी तूने मेरी चिंता नही छोड़ी। आज भी जैसे सुबह होती है तो लगता है मम्मी का फोन आएगा। जब तक तेरी आवाज़ नही सुन लेती थी। चैन नहीं मिलता था।
ऐसा अहसास होता था तू ठीक है और मेरे पास ही है। यदि मैं कभी तुझ से बात करना भूल भी जाऊँ तो तू फोन करवाना कभी नही भूलती थी।
माँ आज भी मैं जब दुःखी होती हूँ तो सबसे पहले तुझे ही फोन करके बात करती थी। पता है माँ ऐसा लगता है मैं अब भी छोटी बच्ची हूँ,और तू मेरी हर ख़्वाहिश को पूरा कर देती है।
माँ तेरे बिना मैं अधूरी हो गई हूं, तू बेशक मेरे पास नहीं थी। मग
र हमेशा यहीं रहता था कि जब मैं घर जाऊँगी तो सबसे पहले गेट पर तू ही मुझे मिलेगी। हर वो चीज़ तू मुझे बना कर देती जो मेरी मन पसंद थी।
माँ ऐसे भी कोई जाता है सुबह तुझसे बात की और रात को तूने यह दुनिया ही छोड़ दी। क्यों माँ तू इस तरह चली गई। देख हम सभी तेरे बिना अधूरे से हो गए है।
माँ तूने सोचा भी नहीं कि जब मैं वहाँ आऊंगी और तुझे ना देख कर मुझे ये घर कैसा लगेगा। जो बेटी बचपन से माँ को घर में ना पाकर इधर उधर पड़ोसियों के घर ढूढंती रहतीं थी।
जब तक तू मिल नहीं जाती थी मैं घर वापस नहीं लौटती थी। अब माँ, मैं तुझे कहा ढुढूं। माँ- पापा भी तेरे बिना अकेले पड़ गए है। पता है माँ ये मुझे भी पता है कि तू जहाँ भी होगी हमारी चिंता ही कर रही होंगी।
ये मुझे विश्वास है कि तेरा आशीर्वाद सदा हम सब पर हमेशा रहेगा।
बस अब मैं इतना ही कहूंगी I miss you so much Maa!😔
तुम्हारी बेटी