कर्म फल
कर्म फल
एक समय की बात है एक गांव में एक किसान रहता था उसके दो बैल थे जब बूढ़े हो गए तो उसने उन बैलो को जंगल में छोड़ दिया। एक व्यक्ति जंगल में लकड़ी काटने के लिए जब आया तो उसने आवाज सुनी कि ऊपर से कुछ पशु जा रहे हैं वह अचानक डर गया कहीं वह उस पर हमला न कर दें और झाड़ियों में छिप गया. जब उसको लगा कि वहां पर जानवर नहीं है तो वह ऊपर आ गया तो उसने देखा दो बूढ़े बैल वहां से जा रहे हैं. उसको उन पर दया आ गई उस दिन बैलों को पालने का फैसला लिया उन बैलो को अपने घर ले गया. उसने उन बैलो को पाल पोस कर उनको ठीक कर दिया। अब उस जमाने में वहां के राजा उन बैलो को लेने आ गए उन्हें सबसे अधिक उम्र के बैल चाहिए थे. यह बात उस तक पहुंची जिसने और बैलो को जंगल में छोड़ा था। वह उसके घर में चला गया और बोलने लगा "यह बैल मेरे हैं." तो उसने बोला "ठीक है कोई बात नहीं यहां पर घर डाल दिया जाए और बैल जिसके पास जाएंगे बैल उसके हैं" बैलो को छोड़ दिया गया बैल उस व्यक्ति के पास ही जिस व्यक्ति ने उनको जंगल से लाकर ठीक किया था।