कलम
कलम
बहुत पहले एक कवि रहते थे। वह बहुत चतुर और चालाक थे। वह तरह तरह के कहानी लिखते थे। लेकिन उनकी कहानी ज्यादा नहीं पढ़ी जाती थी। वह धीरे धीरे बहुत उदास और हताश हो गए। उसके बाद उनका मन नहीं किया लिखने का वह धीरे धीरे कहानी लिखना बंद कर रहे थे। तभी एक दिन उनको एक सपना आया, और उस सपने में बहुत बड़े राजा थे उन्होंने उस कवि को एक कलम दी और बोला लिखना बंद मत करना जितनी अच्छी कहानी लिखोगे उतना ही पढ़ा जाएगा। इसीलिए कहानी को थोड़ा रसीला और मनमोहक लिखो इतना कहकर वह राजा उसके सपने से चला जाता है। कुछ देर बाद कवि की नींद से उठते हैं तो देखते हैं उनके बगल में एक कलम थी। वह कलम कोई मामूली कलम नहीं थी। वह जैसे ही लिखना शुरू करते हैं वैसे ही अक्षर अपने आप स्पष्ट और रसीले भाव में हो जाते। यह चमत्कार देख कवि बहुत खुश होता है। धीरे धीरे उसकी किताबें बहुत ज्यादा पढ़ने लगे लोग और बहुत लोग उसका उचित मूल्य लगाने वाले आ गए। यह सब देखकर वह बहुत खुश हुए। कुछ सालो बाद बहुत बड़े कवि बन गए। वह यह राज कि बात किसी को नहीं बताए। धीरे धीरे वह बहुत अच्छा और खुश रहने लगे।