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Talat Jamal

Children Stories Inspirational

4.9  

Talat Jamal

Children Stories Inspirational

जन्माष्टमी पर मिली सीख निराली।

जन्माष्टमी पर मिली सीख निराली।

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मेरे बचपन में हमारे घर के पास एक प्ले ग्राउंड हुआ करता था। जन्माष्टमी के दिन यहाँ झांकी लगाई जाती थी, जिसमे मैं और मेरा भाई बड़ चढ़कर हिस्सा लेते थे। जिन सदस्यों के द्वारा यह झांकी लगाई जाती थी वही ये फ़ैसला करते थे कि किसको क्या बनना है।

मैं हर बार कृष्ण बनने की ख्वाहिश लेकर इस प्रतियोगिता में भाग लेती थी, लेकिन हर बार की तरह मुझे राधा का किरदार मिलता था। और मुझे जिस भी कृष्ण के पास बैठाया जाता था, मैं उससे बात नहीं करती थी और मौका मिलते ही उसे चिढ़ा दिया करती थी।

एक बार मैंने मम्मा को इस झांकी में भाग लेने के लिए मना कर दिया। उन्हें मेरे इनकार करने की वजह पता थी, त

ो मम्मा ने मुझे एक ऐसी बात बताई जिससे मेरी सारी उदासी खुशी में बदल गई। मम्मा ने मुझसे पूछा, "ये बताओ कृष्ण को सबसे ज़्यादा क्या पसंद है ?" मैंने कहा," माखन"। मम्मा ने फ़िर कहा," माखन से भी ज़्यादा पसंद उन्हें कुछ और है, जानना चाहती हो वो क्या है?" अब मैं यह जानने को बेहद उत्सुक हुई। मम्मा ने आगे बताया," कृष्ण को सबसे पसंदीदा राधा थी और इसलिये तुम्हें हर बार ये किरदार मिलता है।" ये सुनते ही मेरे चेहरे पर एक गर्व वाली मुस्कान आ गयी। इस बार मैं खुशी और गर्व के साथ राधा बनने की तैयारियों में लग गई थी। इसके अलावा मैंने अबकी बार मेरे पास बैठे कृष्ण से बात भी की और उसे चिढ़ाया भी नहीं।


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