अस्तित्व
अस्तित्व

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एक बार समुंद्र अभिमानीत भाव से
एक छोटी-सी चाबी से बोला, मेरी तीव्र
गति से उठती लहरें किसी भी रुकावट को तोड़
देती हैं, ये बहुत बलशाली हैं। ये तुम्हें भी एक ही
बहाव में मेरे अन्दर समाहित कर सकती हैं।
चाबी नें निर्मल मुस्कान के साथ जवाब में समुंद्र
से कहा, मेरा अस्तित्व किसी को तोड़ने के
लिए नहीं बल्कि बन्द पड़े किसी माध्यम
को खोलने के लिए हुआ है।
मैं बेशक छोटी हूँ तुमसे लेकिन
बड़े से बड़े कपाटों की सुरक्षा
करनें में सक्षम हूँ।
मुझ पर आँख
बन्द कर कोई भी विश्वास कर सकता है
क्योंकि मैं पूरी उम्र वफ़ादारी और
ईमानदारी से अपना फ़र्ज़ निभाती हूँ।
इतना सुनकर समुंद्र का सारा दंभ पानी-
पानी हो गया और उसकी लहरें भी
शान्त हो गईं।