Mohan ITR Pathak

Children Stories

3.8  

Mohan ITR Pathak

Children Stories

जाल

जाल

1 min
362


एक बार एक मछुवारे ने जल्दी अमीर बनने की इच्छा से अपना जाल एक ऐसी नदी में डाला, जिसमें बड़ी बड़ी मछलियां थी। बड़ी बड़ी मछलियों के पकड़ने से उसने जल्दी ही अमीर बनने की इच्छा पूरी करनी चाही। किन्तु जाल में बड़ी मछलियों ने फंसते ही जाल तोड़ दिया और मुक्त हो गई। ऐसा उसने कई बार किया। किन्तु हर बार मछलियां जाल तोड़ कर मुक्त हो जाती थी।

अगले दिन मछुवारे ने अपना जाल ऐसी नदी में डाला जिसमें छोटी छोटी मछलियां थी। परन्तु इस बार भी मछलियां नही फंसी। क्योकि मछलियां इतनी छोटी थी कि वे जाल से बाहर निकल जाती। मछुवारा निराश हो कर लौट रहा था तो एक नाविक ने बताया आप अपना जाल उस नदी में डालकर देखो जिसमें मछलियां न तो बहुत छोटी हैं और न बहुत बड़ी।

तब से मछुवारा उसी नदी में जाल डालता है जिसमें मछलियां मध्यम आकार की हैं। उस नदी से मछुवारे को मध्यम आकर की मछलियां मिल जाती है। अब मछुवारे को विश्वास होने लगा कि यह जाल सरकार की नीतियों की तरह केवल मध्यम आकार की मछलियों के लिए ही उपयुक्त है।


Rate this content
Log in