दोस्त
दोस्त
दो दोस्त रहती थीं, एक मीरा और दूसरी माला।हमेशा साथ ही खेलतीं,पढ़ती,बैठती।
एक दिन मीरा के उदास लौटने पर माम् ने पूछा "क्यों उदास है?" पूछने पर बेटी ज़वाब दिया "आज़ मीना नया दोस्त पकड़ ली,तो मुझ से नहीं मिली।" तो माम् ने कहा "तू भी दूसरा दोस्त पकड़ ले। एक ही के साथ नहीं रहना।तब तुम्हें भी ज्याद दोस्त रहेंगी।" चार दिन के बाद पूजा ने तब मेरे को साथ खेलने के लिए बुलाने पर मीरा भी चली गयी।तो उसे भी अनेक नई दोस्त मिल गयी।उस दिन ख़ुशी से वापस लौटी।मां की बात सच होगयी।फिर मीना और उनके नए दोस्त ने भी मीरा के साथ खेलना शुरु कर दिया।