Alok Singh

Others

5.0  

Alok Singh

Others

बकैत- इक नज़रिया

बकैत- इक नज़रिया

2 mins
256



वो एक ऊर्जा जो लिबासों से परे है,फिर वो जड़ हो या चेतन।चेतन शरीरों में भी कई तरह के लिबासों को ऊपर वाले ने बनाया है,शायद ये सोच कर कि, एक जैसा सब कर देंगे तो एकरसता हो जायेगा सारी दुनिया में।किसी को दो पैर तो किसी को चार,तो किसी को उससे भी ज़्यादा,बस एक सामंजस्य बना कर रखा हुआ है,उस सामंजस्य को और आगे तक बना कर रखने की जिम्मेदारी उसी परमपिता परमेश्वर की सबसे बड़ी चित्रकारी, जी हाँ,हम आप पर है।


इंसान की सबसे बड़ी बात ये है कि वो जिस भाषा में वार्तालाप कर सकता है उसी भाषा के माध्यम से लगभग उसकी सारी ज़रूरतें पूरी हो जाती हैं,फिर बीमार होने पर वो चाहे डॉक्टर के पास जाकर अपनी समस्याएं बताना हो या कोई सामान लेने के लिए किसी को उस आवश्यक सामान का नाम बताना हो,लेकिन ज़रा सोचिये ,उन जानवरों के बारे में जिनको सँभालने की जिम्मेदारी हम आप पर है,ऐसे बरसात के मौसम में उनके पास खुद का घर नहीं है,लेकिन हमारा दिल अगर थोड़ा बड़ा हो जाए तो शायद उनके इस बरसात में थोड़ी सी राहत मिल जाए।इधर उधर भागते,खुद को इन्द्र भगवान के कोप से बचाते हुए,हाँ जी उनके लिए वो कोप का दुष्प्रभाव ही है,जबकि प्रकृति को नष्ट करके मौसम और वातावरण में बदलाव हम आप ही ला रहे हैं,पेंड को काट रहे हैं, हर जगह कंकरीट बिछाते जा रहे हैं,न तो पानी जमीन के अंदर ज़्यादा पहुंच रहा है ,और न ही हम जल संरक्षण की तरफ ध्यान दे रहे हैं,गर्मी में इंसानो की हालत देखिये खुद समझ जाएंगे,वहीँ अगर थोड़ी सी दया की नज़र जानवरों..चिड़ियों पर भी पड़ जाए और आपका थोड़ा सा एफर्ट उनके लिए हो जाए तो शायद आपको मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा जाने से ज़्यदा पुण्य मिल जाए,सोचिये कोई ऐसा भगवान जो सबसे पहले भगवान बना हो,उसने किसकी पूजा की होगी? शायद उसके कृत्य ही उसको उस भगवान हो जाने की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया होगा। हम नहीं कहते की आप ऐसा करके भगवान बन जायेंगे,लेकिन हाँ ,आप उन ज़रूरतमंदों के लिए ज़रूर भगवान हो सकते हैं,चलिए हम ऐसा भगवान बनने के माया मोह से भी परे हो जाते हैं,और सभी ज़रूरत मंदों की सेवा करते हैं,जिन पैसों के लिए आपके पास समय नहीं है,वो समय आप उन्हीं पैसों से नहीं खरीद पाएंगे,इसलिए आप अपनी वरीयता को थोड़ा बदलें ।

दोस्त,आजकल के दौर में न,सबसे कठिन क्या है ? इंसान नाम के जीव का इंसान बने रहना,वैसे भी हम आप तो थोड़ा हट के हैं न,क्यों नहीं यही कोशिश की जाए ,चलिए हम आप आज से इंसान बनने की कोशिश की शुरुवात करते हैं।



Rate this content
Log in