भूलना नहीं
भूलना नहीं
एक चूहे ने हीरे विक्रेता के घर से एक हीरे को निगल लिया, वो अधिक कीमत उच्चतम हीरे था। विक्रेता चूहे को पकड़ ना पाया । विक्रेता ने चूहे को पकड़ने वाला से सहायता मांगी। किसी ना किसी तरह से चूहे को शूट कर दो, कृपया मेरे हीरे मुझे वापस दे दे। तू जो भी पैसे माँगेगा मैं दूंगा। चूहे पकड़ने वाला भी चूहे पीछे गया । चूहा इधर-उधर घूमता फिरता रहा!। इतने में अड़ोस पड़ोस से हजारों साथी चूहा इकट्ठा कर लिया।
हीरे वाला चूहा बाद में अलग से गुप्त घूमता था और फिरता था और इसलिए आसानी से पकड़ा गया, फिर शूट करके पेट को काट के हीरा को निकाल लिया गया। तो हीरा विक्रेता बोला हजारों के बीच में भी हीरा निगल चुके चूहे को तुम आसानी से पकड़ पाए। हीरा विक्रेता सुखी और खुशी हुआ।
चूहा अगर अन्य साथियों के साथ मिलकर रहता तो उसे पकड़ना बहुत ही मुश्किल होता। लेकिन अलग करने से आसानी से पकड़ पाया।
रिश्ते भी कुछ ऐसे ही होते हैं, साथ रहने से मजबूती और एकता बढ़ती है।