अपनो से वादा
अपनो से वादा
ईशा और रवि दोनों एक ही आयु के थे।ईशा के चाचा का लड़का रवि था।दोनो भाई बहन से ज्यादा दोस्ती का रिश्ता निभाते थे।एक दिन ईशा सीधे कॉलेज के बाद अपने चाचा के घर चली गई।उसी दिन रवि को अपने दोस्त के जन्मदिन में जाना था।चाचा काम के सिलसिले में शहर से बाहर गए हुए थे तो ईशा को रात में चाची के साथ रुकने के लिए कहा गया क्योंकि रवि को घर आने में देर हो जाएगी।ईशा अपनी मां को बताना चाहती थी कि वो चिंता ना करे लेकिन उसकी मां का फोन नहीं लग रहा था।जब कई बार फोन करने में उसकी मां का फोन नहीं लगा तो उसने रवि को सब बताया।रवि ने फटक से कहा कि उसको गिफ्ट पैक लेने वहीं जाना है तो वो घर जा कर ही ताई को बता देगा। लेकिन जब रवि गिफ्ट की दुकान में पंहुचा तो उसे कुछ याद ही नहीं रहा वो वहां से सीधा पार्टी में चला गया।वहां ईशा चाची के साथ बातों में मगन हो गई।
उधर ईशा की मां ने सारा घर आसमा में उठा दिया कि ईशा अभी तक घर नहीं आई।ईशा की फोन की बैटर
ी कम थी तो फोन बंद हो चुका था। रवि को संगीत की आवाज में फोन की घंटी नहीं सुनायी दे रही थी।सभी कॉलेज के दोस्तों को फोन कर चुके थे पर कहीं कुछ पता नहीं चला।घर में सब परेशान हो गए। पुलिस चौकी में रिपोर्ट लिखा दी गई। बारह बज चुके थे।शव गृह तक देख के आ गए पर कोई सुराग हाथ नहीं लगा।जैसे वह पार्टी खत्म हुई रवि ने अपना फोन देखा 40 मिस कॉल।उसको सब याद आ गया और अपनी भूल का एहसास हुआ।
उसने तुरंत ताई को फोन मिलाया और बताया ईशा उनके घर में है।ईशा को जब सब पता चला तो वो रोने लग गई। सभी ने रवि पर गुस्सा किया।रवि ने सभी से माफ़ी मांगी और वादा किया कि आज के बाद कभी ऐसा नहीं होगा।उसने वादा किया दोस्तों से ज्यादा परिवार में ध्यान देगा।वो ईशा और अपने रिश्ते को दोस्ती से पहले भाई बहन के रिश्ते को अहमियत देगा।यहां तक की वो हर साल 8 फरवरी को ईशा और सब घरवालों को इस प्रॉमिस की याद दिलाता रहेगा और इस तरह रवि की बात सुनकर सभी हंसने लग गए।