हॉस्टल जाते ही अर्चिता बिंदु को चिढ़ाने लगी कि लगता है जानी दुश्मन अब जानी दोस्त बन गए। हॉस्टल जाते ही अर्चिता बिंदु को चिढ़ाने लगी कि लगता है जानी दुश्मन अब जानी दोस्त...
मैंने तो तुमसे कभी इस रिश्ते को कोई नाम देने के लिए भी नहीं कहा। मैंने तो तुमसे कभी इस रिश्ते को कोई नाम देने के लिए भी नहीं कहा।
अलसाई आंखों से मोबाइल ऑन किया तो जैसे पूरे शरीर का खून जम सा गया! अलसाई आंखों से मोबाइल ऑन किया तो जैसे पूरे शरीर का खून जम सा गया!