विकास आगे आगे बेतहाशा दौड़ रहा है और गाँव हाँफता हुआ उसे पकड़ने के लिए भाग रहा है।
अब अपने देश में तो विकास ऐसा ही होता है।"
उसी तरह जीवन में भी, खेल के गुणों और अनुशासन के पालन करने से जीवन में,
"देश विकास की राह पर अग्रसर है"
ताल-तलैया तो बीते जमाने में कभी उसकी सखियाँ हुआ करती थीं। अब तो सलिल उससे बहुत दूर जा चुका था...
भले ही सही रास्ता दिखाने के लिए उसे झूठ का सहारा लेना पड़ा पर उसे इस बात की संतुष्टि थी कि वह अपने मकसद में कामयाब रही।