वह कलावे सेराखी बनाने लगगयी। उसने अपने हाथों से दुनिया की सबसे खूबसूरत राखी बनायी थी, क्योंकि इसमें उसका प्यार भी समाहि...
"काश, मैं शस्त्र उठा लेती, गोविन्द के इन्तजार में बेटी गँवा बैठी।"
उसके अंतिम अमूल्य मैसेज की पूरी दास्तान अपने साथ लेकर पुलिस स्टेशन की ओर बढ़ चला ..उस आखिरी रक्षा सूत्र की लाज रखने..!
देखो ना मौसी...क्या बच्ची, क्या युवती.... आज तो सभी अबलाऐं सबला बनने को आतुर है।
उसे दूसरे ग्रह से आये हुए प्राणी (रिया) से अपने पति को बचाना होगा, अपनी रक्षा स्वयं करनी होगी।
मेरी चीथड़े पहनी मालकिन और उसकी मेहनत नहीं दिखाई दे रही