मौत मिले या सौत मिले अब, दोनों से सुख मिलता है। मौत मिले या सौत मिले अब, दोनों से सुख मिलता है।
मन को मनाया मगर क्या करूं, तुम्हारे बिना अब ना लागे जिया मन को मनाया मगर क्या करूं, तुम्हारे बिना अब ना लागे जिया