कहीं किसी की सपनों में बसा सेहरे का समां गुजरते लम्हों में पिघलती रात की चाँदनी का सम कहीं किसी की सपनों में बसा सेहरे का समां गुजरते लम्हों में पिघलती रात की चाँ...