जितना भी सुनो लगे न काफी। आवाज़ है ऐसी मोहम्मद रफ़ी जितना भी सुनो लगे न काफी। आवाज़ है ऐसी मोहम्मद रफ़ी
लालच होती बहुत बुरी बला है छोड़ दे, ईमानदारी ही निर्जला है लालच होती बहुत बुरी बला है छोड़ दे, ईमानदारी ही निर्जला है