कभी टूटकर बिखर जाऊं तो मुझे समेटने का हुनर जानता है कभी टूटकर बिखर जाऊं तो मुझे समेटने का हुनर जानता है
'मैं' मैं नहीं थी इसलिए टूट गई, ज़मीन पर बिखरी पड़ी। 'मैं' मैं नहीं थी इसलिए टूट गई, ज़मीन पर बिखरी पड़ी।