उसके लिए, जो हो उचित, वो करना पड़ता, जिससेे न आए, कोई कठिनाई। उसके लिए, जो हो उचित, वो करना पड़ता, जिससेे न आए, कोई कठिनाई।
मुझे समझकर ही मेरा अतिक्रमण संभव है मैं प्रकृति हूँ विकृति नहीं। मुझे समझकर ही मेरा अतिक्रमण संभव है मैं प्रकृति हूँ विकृति नहीं।