मैं देख नहीं सकता अपनी आत्मा के अंदर, या मिनट देखें जैसे-जैसे हम सब बूढ़े होते जाते ह मैं देख नहीं सकता अपनी आत्मा के अंदर, या मिनट देखें जैसे-जैसे हम सब बूढ़े हो...
कब मेरी सोच ने, सोचना बंद कर दिया था, कहाँ से विचारों ने, शून्यता का रुख किया था, कब मेरी सोच ने, सोचना बंद कर दिया था, कहाँ से विचारों ने, शून्यता का र...
यथार्थ का आईना दिखाती एक कविता। यथार्थ का आईना दिखाती एक कविता।
में मानूं क्यूँ में ठानू क्यूँ जब दर्शन ना दे सकता तू सब बोलते हैं अंतर्यामी जब भाव धधकते ज्वाला से ... में मानूं क्यूँ में ठानू क्यूँ जब दर्शन ना दे सकता तू सब बोलते हैं अंतर्यामी जब ...
हर कोई अच्छा नहीं हो सकता है, लेकिन हर किसी में कोई न कोई बात अच्छी होती है। कभी भी हर कोई अच्छा नहीं हो सकता है, लेकिन हर किसी में कोई न कोई बात अच्छी होती है।...
कक्षा , अखंडता , प्रेम, पैसा इसे खरीद नहीं सकता कक्षा , अखंडता , प्रेम, पैसा इसे खरीद नहीं सकता