जरा सा दुःख चला आया,गरल सम मद्य ले आए। खुशी कोई बिना इसके,जताई क्यों नहीं जाए। किसी की आस हो व... जरा सा दुःख चला आया,गरल सम मद्य ले आए। खुशी कोई बिना इसके,जताई क्यों नहीं जाए...
तुम ही बताओ बसंत का मैं कैसे स्वागत करूँ। तुम ही बताओ बसंत का मैं कैसे स्वागत करूँ।
मंद गति से चलता मैं, उस पथ पर जो अभी बना था। मंद गति से चलता मैं, उस पथ पर जो अभी बना था।