प्रेम हमारी शैली है, प्रेम ही जीवन-दान।कुछ भी कर दें प्रेम-हित, छोड़ अहम अभिमान।। प्रेम हमारी शैली है, प्रेम ही जीवन-दान।कुछ भी कर दें प्रेम-हित, छोड़ अहम अभिमान।।
मरहम को इंकार करता वो देश और ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की ओर चली दुनिया मरहम को इंकार करता वो देश और ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की ओर चली दुनिया