वर्तमान भारत की ज्वलंत समस्या को प्रश्न उठाती कविता..... वर्तमान भारत की ज्वलंत समस्या को प्रश्न उठाती कविता.....
दूरकर पाखंड सारे, चल पड़ी ये बेटियां | इंसान है कि जो भूल थी, वह सुधारती हैं बेट दूरकर पाखंड सारे, चल पड़ी ये बेटियां | इंसान है कि जो भूल थी, वह सुध...
नहीं मांगना चाहती वो इजाजत समाज के सामन्तों और मालिकों से ! नहीं मांगना चाहती वो इजाजत समाज के सामन्तों और मालिकों से !