इसलिए दुनिया की बेहतरी में वह रुक जाती है इसलिए दुनिया की बेहतरी में वह रुक जाती है
मैं बहती हूँ खुद में हजारों दर्द लिये, मैं बहती हूँ खुद में हजारों दर्द लिये,